Monday, November 2

A PRAYER !!!

दुआ करो ...
की मैं भटक ना जाऊँ कहीं अकेले किसी घने जंगल में
और ना ही रह जाऊँ कहीं अकेले किसी रेतीले कंटीले मरुस्थल में
ना ही खो जाऊँ किसी वादियों में तनहा
और ना रह जाऊँ मैं अकेले कटे से किन्ही द्वीपों की तरह

दुआ करो ...
की दूर रहे वो गरम लू की थपेडे, जो पिघला कर पानी ना कर दें मेरे संजोय हुए हसीं लम्हे
की झेल लूँ मैं हर एक मौसम को सख्त शिखरों की तरह
की मैं हो जाऊँ किनारों की तरह, जो सह ले हर लहरों को अपनों की तरह

वादा करो ...
की साथ निभाए चलोगे मेरा, परछाइयों और बिजलियों की परे
की मुश्किलों में साथ रहोगे मेरे अडिग इन् चट्टानों की तरह
की मेरी हर खुशी में झूम उठोगे फूलों और बाहारों की तरह
की हर मौसम में साथ दोगे कभी उजली धुप कभी इन्द्र-धनुष की तरह

दुआ करो ...
की बहती रहे मेरे जीवन में यह बसंती पवन
की मैं हमेशा आबाद रहूँ ख़ूबसूरत वादियों की तरह

it needs our love , care , protection and prayers with joined hands that it lives long to tell the stories of every friendshp it has ever seen in its lifetime to the generations to come....
wish our friendship a long life...

2 comments:

Sandeep said...

subhan allah.. kya khoob kaha hai..

Lenge haath mein haath..
Denge sukh dukh mein saath!!

bas ek cheez rakhna yaad hamesha..
iss dost se uth na jaye tera bharosa..!!

Random Thoughts said...

thanks sandy.....
this is a factor which helps u in moving fwd in life..